राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर आईईसी यूनिवर्सिटी बद्दी द्वारा वेबिनार आयोजित
विभिन्न शिक्षण संस्थानों के 100 से अधिक प्रतिभागियों ने लिया भाग

स्कूल ऑफ बेसिक एंड एप्लाइड साइंसेज, आईईसी यूनिवर्सिटी बद्दी एच.पी. द्वारा भारतीय विज्ञान कांग्रेस एसोसिएशन, शिमला चैप्टर के सहयोग से सर सीवी रमन द्वारा रमन प्रभाव की खोज के उपलक्ष्य में आज यानी 28 फरवरी 2022 का राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के उपलक्ष्य पर पर ‘एक सतत भविष्य के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी में एकीकृत दृष्टिकोण’ विषय पर एक राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया। जिसमें प्रो. शमीम अहमद, कुलपति, आईईसी विश्वविद्यालय वेबिनार के मुख्य अतिथि थे। प्रो. श्रीमती नीरज शर्मा, संयोजक आईएससीए शिमला चैप्टर ने बतौर विशिष्ट अतिथि सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया और भारतीय विज्ञान कांग्रेस एसोसिएशन शिमला चैप्टर की वैज्ञानिक गतिविधियों और राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाने के उद्देश्यों से अवगत कराया। आईएससीए शिमला चैप्टर के कोषाध्यक्ष प्रो. अरविंद कुमार भट्ट ने भी आईएससीए शिमला चैप्टर के बारे में बताया। डॉ. आशीष कुमार शर्मा, डीन पोस्ट ग्रेजुएट स्टडीज, आईईसी विश्वविद्यालय द्वारा स्वागत भाषण दिया गया। एन.आई.टी. हमीरपुर के भौतिकी और फोटोनिक विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अरविंद के. गथानिया ने बतौर मुख्य वक्ता ‘कंप्यूटिंग: अतीत, वर्तमान और भविष्य’ विषय पर वक्तव्य दिया। डॉ मीना कुमारी, सहायक प्रोफेसर, रसायन विज्ञान विभाग, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला द्वारा ‘रसायन विज्ञान और सतत विकास’ पर भाषण दिया गया था।
डॉ. विनीत कुमार चौधरी, सहायक प्रोफेसर, रसायन विज्ञान विभाग, आईईसी विश्वविद्यालय और सुश्री सुनेहा, सहायक प्रोफेसर, रसायन विज्ञान विभाग, आईईसी विश्वविद्यालय द्वारा वेबिनार के संचालन सचिव रहे। वेबिनार के समन्वयक डॉ. आशीष कुमार शर्मा, डीन पोस्ट-ग्रेजुएट स्टडीज आईईसी विश्वविद्यालय और डॉ. मनीष टौंक, एसोसिएट प्रोफेसर और भौतिकी विभाग, आईईसी विश्वविद्यालय के प्रमुख थे। डॉ. अनीता रानी, सहायक प्रोफेसर और प्रमुख, रसायन विज्ञान विभाग, आईईसी विश्वविद्यालय द्वारा प्रतिभागियों का धन्यवाद किया गया। इस वेबिनार में विभिन्न शिक्षण संस्थानों के 100 से अधिक प्रतिभागियों ने वेबिनार में भाग लिया और अपनी बहुमूल्य प्रतिक्रिया दी। वेबिनार का उद्देश्य राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाना और विज्ञान में अनुसंधान के पहलुओं और वर्तमान रुझानों पर चर्चा करना और एक महान मंच प्रदान करना था ताकि छात्र अमूल्य ज्ञान और अनुभव प्राप्त कर सकें।



