विविध

चिंता: कीटनाशक, फफूंदीनाशको व अन्य लागत वस्तुओं की कीमतों में भारी वृद्धि

No Slide Found In Slider.

 

संयुक्त किसान मंच प्रदेश में खाद की कमी व खाद, बीज, कीटनाशक, फफूंदीनाशको व अन्य लागत विस्तुओ की कीमतों में भारी वृद्धि को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त करती है। मंच सरकार से मांग करता है कि सरकार प्रदेश में सभी प्रकार की खाद मांग अनुसार तुरन्त उपलब्ध करवाए तथा खाद, बीज, कीटनाशक, फफूंदीनाशको व अन्य लागत वस्तुओं की कीमतों को कम करने के लिए तुरन्त ठोस कदम उठाए। इसके साथ HPMC व हिम्फेड द्वारा वर्षों से बागवानों के मण्डी मध्यस्थता योजना(MIS) में लिये गए सेब का बकाया करीब 65 करोड़ रुपए का नकद भुगतान तुरन्त किया जाए तथा HPMC द्वारा बकाया भुगतान के बदले जो बागवानों को बाज़ार से 20 प्रतिशत से 70 प्रतिशत तक अधिक कीमत पर वस्तुएं दी जा रही है उन्हें तुरन्त बन्द कर नकद भुगतान किया जाए। बाजार में जो कैल्शियम नाइट्रेट का 25 किलो का बैग 1250 रुपये जा मिल रहा है HPMC व बैग 1560 रुपये व 1750 रुपये में बेच रही है और बागवानों से लूट कर रही है। सरकार यदि शीघ्र इन मांगों पर अमल नहीं करती तो संयुक्त किसान मंच सरकार की इन किसान विरोधी नीतियों के विरुद्ध आंदोलन करेगी।

No Slide Found In Slider.
No Slide Found In Slider.

               आज प्रदेश में अधिकांश हिस्सों में पोटाश, इफको 12:32:16 व 15:15:15 तथा अन्य खादों की भारी कमी है और करीब 70 प्रतिशत गरीब छोटे व मध्यम किसान को खाद उपलब्ध नहीं हो रही है और बाज़ार में जो भी खाद उपलब्ध है उसकी कीमत अधिक होने से किसान व बागवान खरीद करने में सक्षम नहीं है। पोटाश खाद जिसके एक बैग की कीमत गत वर्ष 850 रुपये थी आज वह 1750 रुपये कर दी गई है। इसके साथ इफको 12:32:16 की कीमत इस वर्ष 1750 रुपये है जिसकी कीमत गत वर्ष 1150 रुपये थी तथा 15:15:15 के खाद के एक बैग की कीमत जो गत वर्ष 1050 रुपये थी वह इस वर्ष बढ़कर 1450 रुपये कर दी गई है। इससे उत्पादन व उत्पादकता में निरंतर गिरावट आ रही है। जिसके चलते आज किसानों के रोजी रोटी का संकट बढ़ गया है।

                  सरकार द्वारा देश व प्रदेश में लागू की जा रही नीतियों के कारण आज कृषि का संकट बड़ा है। सरकार जो कृषि व बागवानी के क्षेत्र में सहायता प्रदान करती है उसे लगभग बन्द कर दिया है। प्रदेश में भाजपा सरकार के द्वारा लगभग 3 वर्ष पूर्व खाद व अन्य लागत वस्तुओं में सब्सिडी समाप्त कर दी है और जो लागत वस्तुएं कृषि व बागवानी विभाग के माध्यम से किसानों व बागवानों को दी जाती थी वह बन्द कर दी गई है। इससे किसान व बागवान बाज़ार से खाद, बीज, कीटनाशक, फफूंदीनाशको व अन्य लागत वस्तुएं महंगी दरों पर खरीदने के लिए मजबूर किये जा रहे हैं और अधिकांश गरीब छोटे व मध्यम किसान उचित मात्रा में लागत वस्तुएं प्रयोग नहीं कर पा रहे हैं और इससे इनकी खेती प्रभावित हो रही है। सरकार की इन नीतियों के चलते सरकार का किसान व बागवान विरोधी चेहरा उजागर हुआ है। 

 

Deepika Sharma

Related Articles

Back to top button
Close