लावण्या के आरोपियों को सरंक्षण देना बन्द करे तमिलनाडु सरकार: गुंजन

22 फरवरी, 2022 को राष्ट्रीय कला मंच हिमाचल प्रदेश के कार्यकर्ताओं द्वारा तमिलनाडु सरकार की उदासीनता व ईसाई मिशनरी को इस कुकृत्य से बचाने व इस मामले को दबाने के लिए किए जा रहे प्रयासों के विरुद्ध में रिज मैदान शिमला में शांति पूर्वक तरीके से प्रदर्शन किया। जिसमें छात्राओं द्वारा महात्मा गांधी जी की प्रतिमा के समक्ष रंगोली बनाकर व हाथो में हैंड मेड पोस्टर लेकर प्रदर्शन किया गया। जिसमें शिमला जिला की विभिन्न इकाइयों की छात्राओं ने भाग लिया।
आज पूरा विश्व जहां महिला सुरक्षा व महिला अधिकारों की बात कर रहा है, तरह तरह के वाद विवाद इस विषय पर किए जा रहे हैं वहीं तमिलनाडु के तंजावुर में 17 वर्ष की छात्रा जो एक मिशनरी स्कूल में पढ़ती थी वहां उसको अपना धर्म परिवर्तन करने के लिए इतना मजबूर किया गया कि उसने आत्महत्या कर ली और इस विषय पर सबने चुप्पी धारण की हुई है।
प्रांत संयोजिका गुंजन जी ने कहा कि लावन्या जिसने अपना धर्म परिवर्तन करने से मना किया उसे इतना प्रताड़ित उस मिशनरी स्कूल प्रशासन द्वारा किया गया, मानसिक व शाररिक प्रताड़ना उसे दी गई, हॉस्टल की मैस में झूठे बर्तन धुलवाने से लेकर, शौचालयों की सफ़ाई उस छात्रा से करवाई गई। जब छुट्टियों में उसने घर जाने के लिए आज्ञा मानी तो उसे घर जाने से भी रोक दिया गया। केवल अपना धर्म परिवर्तन न करने पर लावण्या को इतना परेशान कर दिया गया कि उसने आत्महत्या कर ली। यह आत्महत्या नहीं है बल्कि उस मिशनरी स्कूल द्वारा लावन्या का खून किया गया है जिसके लिए सभी दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए ऐसी मांग राष्ट्रीय कला मंच करता है।
तमिलनाडु सरकार भी इस विषय में संज्ञान नहीं ले रही जो उनका आरोपियों को बचाने की कोशिश की तरफ़ इशारा करता है। तमिलनाडु पुलिस प्रशासन भी निष्पक्ष जांच इस विषय में नहीं कर रही और बिना जांच किए ही ब्यान देने का काम कर रही है। पुलिस प्रशासन का ऐसा रवैया सही नहीं है और इस संदर्भ में भी सरकार कदम लेे। पढ़ाई के नाम पर धर्मांतरण का धंधा करने वाले इन सभी स्कूलों को बन्द करने की मांग राष्ट्रीय कला मंच करता है व लावण्या को जल्द से जल्द इंसाफ दिया जाए ऐसी मांग राष्ट्रीय कला मंच की है।
—




