असर विशेष: छुट्टी के दिन घर पर ढूंढे रोगी, 274 को निकल आया टीबी

हिमाचल में टीबी के लक्षणों वाले मरीजों की उनके घर जाकर जांच की गई तो सामने आया कि उन्हें मालूम ही नहीं था कि वह ट्यूबरक्लोसिस नामक रोग से प्रभावित है। लेकिन हिमाचल में चले संडे एक्टिव केस फाइंडिग अभियान के तहत उनमें समय रहते टीबी होने की पुष्टि हो पाई। और समय रहते उनका इलाज अब शुरू हो गया है। हर रविवार को टीबी लक्षणों वाले मरीजों पर नजर रखी जा रही थी। जिसके जिसके तहत यह खुलासा हुआ है । सामने आया है कि इस अभियान के तहत लगभग 274 टीवी पॉजिटिव प्रभावित सामने आए हैं। यदि समय पर टीबी की जांच ना की जाए तो यह रोग परिवार के अन्य सदस्य में भी जा सकता था।
इस तरह की गई जांच
राज्य में क्षय रोग के लक्षणों के लिए आशा कार्यकर्ताओं द्वारा 56,81,115 लोगों की मौखिक रूप से जांच की गई है और 12018 बलगम के नमूने एकत्रित किए गए हैं। एकत्रित किए गए बलगम के नमूनों में से 2.28 प्रतिशत लोग पाॅजिटिव पाए गए हैं।
यह अभियान अभी और भी प्रदेश में जारी रहने वाला है। जानकारी के मुताबिक प्रदेश के सभी जिलों में टीबी मरीजों पर नजर रखी जा रही है।ये सामने आ रहा है कि कांगड़ा, ऊना और मंडी में बलगम की सैंपल की जांच करने और टीबी रोग के निदान में की गई पहल में अग्रणी जिले सामने आए हैं। संक्रमित रोग होने के कारण सरकार यह पहल में जुटी है कि यदि मरीज घर पर है तो उसकी जांच जल्द से जल्द हो और टीबी संबंधित उसका निदान किया जा सके जिसके तहत संडे केस फाइंडिंग अभियान को तेजी से चलाया गया है।
बेस्ट निकला हिमाचल
हिमाचल के लिए यह सुखद आंकड़े सामने आए हैं कि जेरियक केयर और संडे केस वाइंडिंग अभियान में हिमाचल देश भर में अव्वल रहा है। एनएचएम के मिशन डायरेक्टर निपुण जिंदल का कहना है कि संबंधित गतिविधि राज्य में राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत उत्प्रेरक साबित हो रही है
ये कहते है जिंदल…