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इस तरह शिमला में रहेंगे राष्ट्रपति

भारत के  राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द राष्ट्रीय लेखापरीक्षा और लेखा अकादमी (एनएएए), शिमला में भारतीय लेखापरीक्षा और लेखा सेवा (आई.ए. एंड ए.एस.) के प्रशिक्षु अधिकारियों के समापन समारोह में मुख्य अतिथि होंगे।

 

 

 

समारोह 18 सितंबर, शनिवार की सुबह राष्ट्रीय लेखापरीक्षा और लेखा अकादमी, शिमला (एनएएए), शिमला के यारोज़ परिसर में आयोजित किया जाएगा।

 

 

 

हिमाचल प्रदेश के माननीय राज्यपाल  राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, हिमाचल प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री  जय राम ठाकुर, भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक श्री गिरीश चंद्र मुर्मू और कई अन्य आमंत्रित गणमान्य व्यक्ति भी इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगे।

 

 

 

कार्यक्रम का डीडी न्यूज, दूरदर्शन के साथ-साथ माननीय राष्ट्रपति के यूट्यूब चैनल पर सीधा प्रसारण किया जाएगा।

 

 

 

इससे पूर्व, माननीय राष्ट्रपति, हिमाचल प्रदेश राज्य की अपनी 04 दिवसीय यात्रा के लिए आज अपराह्न में शिमला पहुंच गए हैं। राष्ट्रपति का शिमला पहुंचने पर गरिमापूर्ण स्वागत किया गया । राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर, मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर, विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार, संसदीय कार्य मंत्री एवं मिनिस्टर-इन-वेंटिंग सुरेश भारद्वाज, नगर निगम शिमला की महापौर सत्या कौंडल, सैन्य कमांडर आरट्रैक लै. जनरल राज शुक्ला, मुख्य सचिव राम सुभग सिंह, पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू, सचिव सामान्य प्रशासन देवेश कुमार, उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी, पुलिस अधीक्षक मोनिका भटुंगरू ने उनका अनाडेल हेलिपैड पर स्वागत किया।

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समारोह के दौरान, भारतीय लेखापरीक्षा और लेखा सेवा के 2018 और 2019 बैचों के 38 प्रशिक्षु अधिकारियों को भारत के माननीय राष्ट्रपति और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में उनके इंडक्शन प्रशिक्षण पूर्णता प्रमाण-पत्र (Induction Training Completion Certificate) प्रदान किए जाएंगे । प्रत्येक बैच के तीन शीर्ष प्रदर्शन करने वाले प्रशिक्षु अधिकारियों को भारत के माननीय राष्ट्रपति द्वारा स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक से सम्मानित किया जाएगा।

 

 

 

राष्ट्रीय लेखापरीक्षा और लेखा अकादमी, शिमला भारतीय लेखापरीक्षा और लेखा विभाग का शीर्ष प्रशिक्षण संस्थान है। यह अकादमी सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से भर्ती किए गए आई.ए. एंड ए.एस. (IA&AS) अधिकारियों को इंडक्शन प्रशिक्षण (Induction Training) प्रदान करती है। वर्ष 1950 में अपनी स्थापना के बाद से अकादमी ने सैकड़ों आई.ए. एंड ए.एस. (IA&AS) अधिकारियों को उच्च पेशेवर और सक्षम अधिकारियों के रूप में ढालने के उद्देश्य से प्रशिक्षित किया है।

 

 

 

अकादमी भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक की संस्था को उसके संवैधानिक दायित्त्व का निर्वहन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अकादमी सार्वजनिक लेखापरीक्षा और लेखांकन के विशेष पहलुओं में भारतीय लेखापरीक्षा और लेखा विभाग के सेवारत अधिकारियों के साथ-साथ अखिल भारतीय सेवाओं और अन्य केंद्रीय सिविल सेवाओं के वरिष्ठ अधिकारियों के लिए सतत व्यावसायिक शिक्षा कार्यक्रम भी आयोजित करती है।

 

 

 

आई.ए. एंड ए.एस. (IA&AS) अधिकारी भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक की संस्था को नेतृत्व प्रदान करते हैं। यह अधिकारी भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक को उसकी संवैधानिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में सहायता के अतिरिक्त सरकारों द्वारा सुशासन सुनिश्चित करने में भी सहायता करने के लिए पूरे संगठन में शीर्ष और मध्य नेतृत्व स्तर पर काम करते हैं।

Deepika Sharma

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