शिक्षा

सेंट थॉमस स्कूल शिमला मना रहा अपने उत्कृष्टता 100 वर्ष

शिमला के प्रतिष्ठित स्कूलों में से एक, सेंट थॉमस स्कूल इस साल एक पूर्व-स्थापित संस्थान के रूप में अपने 100 साल पूरे कर रहा है। इस गौरवशाली शताब्दी समारोह के आयोजन को मनाने के लिए साल की शुरुआत से कई सांस्कृतिक व अकादमिक कार्यक्रमों की शुरुआत हो चुकी हैं और इस पुरे शैक्षणिक सत्र में भी विभिन्न शैक्षणिक, सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये जायंगे ।


सेंट थॉमस विद्यालय के 100 वर्ष पूर्ण होने और इसके साथ ही विशेषअतिथि डायोसिस ऑफ अमृतसर (सी.एन.आई.) के प्रमुख और बिशप मोस्ट रेवरेंड डॉ. प्रदीप कुमार सामंतराय को उनके डायोसिस में रहते हुए पिछले 25 वर्षों से उनके अटूट समर्पण और उनके सर्वोत्तम कार्यों के लिए उन्हें सम्मानित करने के लिए विद्यालय परिस में सम्मान समारोह आयोजित किया गया। . कार्यक्रम में अमृतसर के सूबा के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के प्रमुखों और सूबा से जुड़े 100 से अधिक गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।

इस कार्यक्रम में डायोसिस ऑफ अमृतसर के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के प्रमुखों ,एवं डायोसिस से जुड़े हुए 100 से अधिक गणमान्य अतिथियों ने शिरकत की।

वहीं सेंट थॉमस विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती विधुप्रिया चक्रवर्ती ने स्कूल के 100 साल पुरे होने और विशेषअतिथि डायोसिस ऑफ अमृतसर के प्रमुख और बिशप मोस्ट रेवरेंड डॉ. प्रदीप कुमार सामंतराय जी के डायोसिस में बेहतरीन 25 वर्षों के कार्यकाल के सम्मान समारोह में उन्होंने विद्यालय के 100 वर्षों की यात्रा एवं विकास की जानकरी दी और विद्यालय प्रबधन , शिक्षकों , अभिभावकों एवं छात्रों के प्रयासों की सराहना भी की।

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उन्होंने विशेषअतिथि डायोसिस ऑफ अमृतसर के प्रमुख और बिशप मोस्ट रेवरेंड डॉ. प्रदीप कुमार सामंतराय जी के कार्यों एवं उनके सहयोग के लिए भी आभार व्यक्त किया। साथ ही विद्यालय से विगत 100 वर्षों में शिक्षा ग्रहण कर विभिन्न क्षेत्रों में सेवांए दे रहे सभी हितधारकों के सहयोग का भी उल्लेख किया।
:जानिए सेंट थॉमस विद्यालय का गौरवमयी इतिहास:-
सेंट थॉमस चर्च की स्थापना 1912 में हुई थी ,उस समय सेंट थॉमस चर्च के परिसर में बालिकाओं के लिए अनौपचारिक रूप से शिक्षा की शुरुआत की गयी गई थी।इस चर्च भवन की आधारशिला भारत के तत्कालीन वाइसरॉय महामहिम राइट हॉनररेबल लॉर्ड हार्डिंग ने 29 जून 1912 को रखी थी।

इस ईमारत के वास्तुकार श्री हर्बर्ट वालर थे जिनके शिल्प कौशल तकनीक के द्वारा इस ईमारत पर विशेष प्रकार के पत्थरों को इस चर्च भवन में लगाया गया था।

सेंट थॉमस स्कूल शुरू में पैरिश प्राइमरी स्कूल के रूप में चलाया गया था और 1924 तक, यह पंजाब शिक्षा बोर्ड के साथ जुड़कर एक पूरी तरह एक हाई स्कूल के रूप में स्थापित हो गया था।

इस स्कूल की संस्थापक प्रिंसिपल प्रसिद्ध शिक्षाविद्, मिस हेलेन जेरवुड थीं।

जब 1971 में हिमाचल प्रदेश को राज्य का दर्जा दिया गया, तो उस समय स्कूल ने हिमाचल प्रदेश बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन के साथ जुड़ गया था। और वर्ष 1974 में स्कूल की स्वर्ण जयंती पर इसे उच्चतर माध्यमिक स्तर तक बढ़ाया गया था। वर्ष 2009 में, स्कूल को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, दिल्ली से मान्यता प्राप्त हुई। वर्तमान में सेंट थॉमस स्कूल की प्रिंसिपल श्रीमती विधुप्रिया विधुप्रिया चक्रवर्ती हैं जो 2007 से इस स्कूल को अपनी सेवाएं और मार्गदर्शन प्रदान कर रही हैं।

सेंट थॉमस स्कूल शिमला डायोसिस ऑफ अमृतसर, चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया (सीएनआई) के तहत कार्य करता है और यह सह-शिक्षा-संस्थान के रूप में इस क्षेत्र में मान्यता प्राप्त एक प्रतिष्ठित संस्थान है।

एक प्रतिष्ठित शिक्षा- संस्थान के रूप में अपने 100 वर्ष पुरे कर रहा सेंट थॉमस विद्यालय छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए अनेकों कार्यक्रम निरंतर आयोजित करता आ रहा है। विद्यालय में व्यावसयिक प्रक्षिक्षण एवं जीवनकौशल से ,सम्बंधित अनेक कोर्स स्कूल द्वारा छात्रों के लिए चलाए जा रहे हैं ताकि वर्तमान परिपेक्ष में नए कोर्सो का लाभ छात्रों को रोज़गार उन्मुखी बना सके। विद्यालय में अध्यापकों के कौशल विकास एवं नेतृत्व विकास के अनेकों प्रक्षिक्षण कार्यक्रम विद्यालय द्वारा समय-समय पर नई डिजिटल तकनीक के साथ शिक्षकों के कौशल विकास एवं नेतृत्व विकास हेतु कई प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।

Deepika Sharma

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