विशेषस्वास्थ्य

EXCLUSIVE: अस्पतालों की “अधूरी पर्चियां” कटघरे में

फर्जी होने पर भी संदेह, मरीजों को दवाइयां मिलने में भी परेशानी, दवा निरीक्षकों की सलाह" केमिस्ट रहे अलर्ट"

 

आजकल सरकारी अस्पतालों की कुछ ऐसी पर्चियां बाहर आ रही है जो खासतौर पर संदेह के घेरे में है। जानकारी है कि जो पर्चियां दवाइयां लेने के लिए लिखी जाती है उसमें कई पर्चियों में अधूरी जानकारी अंकित है।

गौर हो कि कुछ दवाइयां ऐसी होती है जिसमें डॉक्टर की प्रिस्क्रिप्शन जरूरी होती है , कई  का रिकॉर्ड भी रखना पड़ता है

लेकिन सामने वह पर्चियां भी आ रही है, जिसमें ना तो ओपीडी नंबर लिखा होता है और ना ही डॉक्टर का डायग्नोसिस पूरी तरीके से अंकित किया मिलता है।

खास तौर पर मानसिक स्वास्थ्य को लेकर डॉक्टर द्वारा लिखी गई पर्ची में यहां परेशानी देखने में आ रही है ।

हालांकि इसमें फर्जी पर्ची होने का भी संदेह है क्योंकि संबंधित पर्चियां में नियम के तहत और रिकॉर्ड के तहत दी गई जानकारी नहीं मिलती है। इसे लेकर दवा निरीक्षकों ने भी केमिस्ट को अलर्ट रहने के लिए कहा है। जिसमें कहा जा रहा है की पर्ची को पूर्ण तौर पर देखने के बाद ही दवाइयां दी जाए।

हालांकि इस पर दवा निरीक्षकों ने यह भी साफ किया है कि कई बार चिकित्सक भी जल्दबाजी में पर्ची पर पूर्ण रिकॉर्ड नहीं लिख पाता है ।

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जिसके कारण संबंधित मरीज को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है लेकिन इसे लेकर केमिस्ट को खास तौर पर सतर्कता बनने के लिए कहा गया है की पर्ची का पूर्ण ब्योरा देखने के बाद और उसका रिकॉर्ड रखने के बाद ही संबंधित दवाइयां दी जाए।

 

 

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इस तरह हो सकती है मरीज को परेशानी

दवा निरीक्षकों की माने तो इस तरह की पर्चियों पर मरीज को भी दवा लेने में परेशानी हो सकती है। कई बार पर्ची पर लिखी गई  अधूरी जानकारी से केमिस्ट्री नियम के मुताबिक मरीज को  केमिस्ट दवा नहीं दे पाता  है और उसका इलाज आगे बढ़ाने में दिक्कत सामने आती है।

 

क्या कहते हैं दवा निरीक्षक

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दवा निरीक्षक लवली ठाकुर का कहना है कि पर्ची पर पूर्ण ब्योरा होने के बाद ही मरीज को दवा देने का प्रावधान नियम के तहत किया गया है। हालांकि केमिस्ट अपनी पूर्ण जिम्मेदारी निभाता है लेकिन उन्हें और भी सतर्क रहने की जरूरत है ।हालांकि पर्ची पर यदि पूर्ण ब्योरा नहीं हो तो वह संदेह के घेरे में होती है।

इसे लेकर केमिस्ट को भी सतर्कता बरतनी जरूरी है। और चिकित्सक को भी चाहिए कि जो दवाई प्रिस्क्रिप्शन पर देय  होती है उसमें नियम के तहत सभी जानकारी पर्ची पर लिखी जाए जिससे मरीज को भी परेशानी ना हो।

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