
शिमला, 23 अप्रैल 2023ः अस्पतालों में खून की कमी को देखते हुए संत निरंकारी मिशन ने रविवार को बैम्लोई स्थित संत निरंकारी भवन में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया। इस शिविर में प्रदेश सरकार के आदेशानुसार सोशल डिस्टैंसिग, मास्क आदि का पालन करते हुए मिशन के 103 अनुयायियों ने रक्तदान कर पूण्य कमाया। जिसमें महिलाओं और पुरूषों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।
मानवता के मसीहा बाबा गुरबचन सिंह जी की पावन स्मृति में दिनांक 24 अप्रैल का दिन संपूर्ण निरंकारी जगत द्वारा देश एवं दूर देशों में रक्तदान शिविरों के आयोजन से उनके तप-त्याग से परिपूर्ण जीवन एवं शिक्षाओं से प्रेरणा लेने के लिए संत निरंकारी मिशन की ओर से यह दिन ‘मानव एकता दिवस’ के रूप में पूरे विश्व में मनाया जाता है।
समाज में व्याप्त कुरितियों के उस दौर के उपरांत बाबा हरदेव सिंह जी के प्रेरक संदेश ‘रक्त नाड़ियों में बहे, न कि नालियों में’ द्वारा सभी श्रद्धालुओ को एक नई सकारात्मक दिशा मिली।
सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज की कृपा से मिशन रक्तदान सहित अन्य सामाजिक सरोकार से जुड़े कार्य में बढ़चढ़ कर निष्काम भाव से कार्य कर रहा है और मानवता को एक प्रेरणा संदेश दे रहा है कि खून दान ही महादान हैं। उन्होंने कहा कि हांलाकि मिशन मानव एकता दिवस से रक्तदान का सिलसिला देश में शुरू होता है, जो साल भर चलता रहता है। यह रक्तदान शिविर, दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल के अनुरोध पर किया गया।
इस अवसर पर डीडीयू से डा. श्रीमती गंगा रावत ने कहा कि स्वैच्छिक रक्तदान को सर्वोत्तम माना गया है, जो जरूरतमंद को जीवनदान देता है। उन्होंने कहा कि 18 साल से 60 साल तक रक्तदान कर सकता है। उन्होंने कहा कि खून दान करने से कमजोरी नहीं आती। हर व्यक्ति को रक्त दान करना चाहिए।
इसके अलावा डाॅ. मेघना आईजीएमसी से, कमला नेहरू अस्पताल से डाॅ. कंचन सिंह ने भी पहुंचे थे।
इस कार्य मे क्षेत्रिय संचालक नरेंद्र कश्यप ने आए हुए डाॅक्टरों की टीम का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि आज रक्तदान शिविर में भारी संख्या में रक्तदाता है। उन्होंने कहा कि सद्गुरू सुदीक्षा जी महाराज का यही उद्देश्य है कि खून की कमी से कोई वंचित ना रहे। इसके अलावा रक्तदाताओं, सेवादल व एसएनसीएफ, स्वयंसेवकों भी डॉक्टरों का धन्यवाद भी किया।


