पर्यावरण

जिंदगी है अधूरी तेरे बिन, डस्टबिन ’,……

स्वच्छ भारत अभियान पर मंथन

 

 

‘जिंदगी है अधूरी तेरे बिन, डस्टबिन ’, इस नारे के साथ मध्यप्रदेश के सागर के एक युवा पर्यावरणविद और शिक्षक महेष तिवारी बच्चों में स्वच्छता का अलख जगा रहे है। वह आज भारत सरकार , सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के शिमला स्थित क्षेत्रीय लोक संपर्क ब्यूरो द्वारा आयोजित एक वेबीनार को संबोधित कर रहे थे। वेबीनार का विषय था ‘स्वच्छ भारत अभियान’।

 

वेबीनार में प्रतिभागियों का स्वागत पीआईबी, शिमला के सहायक निदेषक श्री हिमांषु पाठक ने अपने सबोधन से किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि 2 अक्टूबर 2017 से अब तक स्वच्छ भारत मिषन के अंतर्गत देश ने कई आयाम हासिल किए है। उन्होंने कहा कि आज स्वच्छ भारत मिशन एक जन आंदोलन बन गया है जिसमें बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक जुड़ गए हैं।

 

शिमला स्थित हिमालयन एडवेंचर स्पोट्र्स एंड टूरिज्म एसोसिएशन से जुड़े श्री मोहित सूद ने भी वेबीनार को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि किस तरह से उनकी संस्था ने गांवों मे जा कर बच्चों को पर्यावरण और स्वच्छता के प्रति जागरूक किया। उन्होंने कहा कि उनकी मुहिम मिशन स्माइल का मकसद है हिमालय को बचाना और उसकी सुंदरता को दुनिया तक पहुंचाना। इस मुहिम को सफल बनाने के लिए उन्होंने 12 सालों में अब तक लगभग एक हजार गांवों में जाकर वहां के प्रधानों और बच्चों को इस मुहिम से जोड़ा। श्री सूद के अनुसार इस दौरान उन्होंने बच्चों को जागरूक किया कि पर्यावरण और स्वच्छता उनके लिए कितनी जरूरी है और उसे कैसे बचाया जा सकता है। वह बताते हैं कि प्रदेश के जिन गांवों में पानी की समस्या होती है उनकी संस्था वहां के बच्चों को बारिश के पानी के प्रबंधन के बारे में जागरूक करते हैं।

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एमपी के सागर के युवा पर्यावरणविद और शिक्षक श्री महेष तिवारी ने वेबीनार में स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के विषय पर अपने अनुभव सांझा किए। उन्होंने कहा कि उनका प्रकृृति कल्याण संगठन निःस्वार्थ भाव से सागर शहर को स्वच्छ बनाने में जुटे हैं। इसके लिए वह बच्चों को जागरूक करते हैं और समय समय पर प्रशासन के साथ मिलकर सागर शहर में स्वच्छता अभियान चलाते है। श्री तिवारी के अनुसार वह नुक्कड़ नाटकों, नारों और साइकिल रैली के माध्यम से लोगों को स्वच्छता और पर्यावरण के प्रति सजग करते हैं। वह बताते हैं कि बड़े बुजुर्गों को समझाना थोड़ा मुष्किल होता है लेकिन बच्चें जल्दी समझ जाते हैं और बच्चें ही आगे चलकर पर्यावरण को संरक्षित करेंगे। वह बताते हैं कि अपनी मुहिम में उन्होंने दुकान एक डस्टबिन दो, ख़ुशी हो या गम पौधे लगाएं हम, जिंदगी है अधूरी तेरे बिन, डस्टबिन सहित कई नारों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया।

 

वेबीनार में राजकीय कन्या महाविद्यालय, शिमला की एसोसिएट प्रोफेसर श्रीमती कैप्टन लक्ष्मी ने भी अपने महाविद्यालय में स्वच्छता मिशन के अंतर्गत हुए कार्यों का विवरण दिया। वेबीनार के अंत में रीजनल आउटरिच ब्यूरो, चंडीगढ़ की सहायक निदेशक सुश्री सपना बट्टा ने सभी वक्ताओं और प्रतिागियों का धन्यवाद किया। उन्होंने इस दौरान कहा कि अगर सब अपना घर स्वच्छ रखेंगे तो भारत स्वतः ही स्वच्छ रहेगा। बेवीनार का संचालन क्षेत्रीय लोक संपर्क ब्यूरो, शिमला के क्षेत्रीय प्रदर्षनी अधिकारी श्री अनिल दत्त शर्मा कर रहे थ

Deepika Sharma

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