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खास खबर: विद्यालय प्रवक्ताओं की अनदेखी क्यों

 

 

हिमाचल प्रदेश विद्यालय प्रवक्ता संघ जिला सिरमौर ने शिक्षा विभाग के अत्यन्त महत्वपूर्ण दायित्व का निर्वहन कर रहे प्रवक्ता ( विद्यालय संवर्ग) की लम्बे समय से हो रही अनदेखी पर आश्चर्य व्यक्त किया । जिला अध्यक्ष सुरेंद्र पंडीर , जिला महासचिव आइ डी राही , राज्य वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेंद्र नेगी , जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा , राज्य कार्यकारणी सदस्य संजय शर्मा, रमेश नेगी आदि ने संयुक्त वक्तव्य में कहा कि 1986 में नई शिक्षा नीति 10 + 2 + 3 के तहत प्रत्येक चुनाव क्षेत्र में वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय खोला गया तथा 10+1 व 10+2 कक्षाओं को महाविद्यालय के साथ-साथ वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में पढ़ाए जाने लगा एवं साथ ही मुख्याध्यापक एवं प्रवक्ता (विद्यालय संवर्ग) की तत्कालीन केडर संख्या के मध्यनजर क्रमशः 40:60 के अनुपात मे प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति के नियम बने ।तत्पश्चात वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयो की संख्या निरंतर बढ़ती गई परंतु प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति के नियमो मे कोई परिवर्तन नहीं हुआ बहुत लंबी जद्दोजहद एवं संघर्ष के बाद मुश्किल से प्रवक्ता संघ शिक्षा विभागाध्यक्ष को यह बात मनवाने में सफल हुए कि इन नियमों में प्रवक्ताओं की बढती संख्या के मध्यनजर प्रधानाचार्य पद हेतु प्रवक्ता संवर्ग का अनुपात बढना चाहिए परिणामस्वरुप इन नियमो को 50: 50 किया गया। जो वर्तमान परिस्थित मे कदाचित उचित नही क्योकि प्रवक्ताओ को 20 से 25 वर्ष की सेवा उपरांत भी पदोन्नति नही मिल पा रही तथा अधिकतर प्रवक्ता पद से ही सेवानिवृत्त हो रहे हैं । दूसरी ओर यदि बात करें वेतन विसंगति की तो 1996 एवं 2006 के संशोधित वेतनमान में विद्यालय प्रवक्ताओं को अन्य विभागों के समकश कर्मचारी अथवा अधिकारीयो के समान वेतन नही मिल पाया । 2006 के वेतनमान में सरकार से बात करने के उपरांत 2012 मे प्रवक्ता वर्ग का ग्रेड पे 4200 से बढ़ाकर 5400 अवश्य किया गया परंतु प्रारम्भिक वेतनमान को 5400 ग्रेड पे के अनुकूल 20300 नही किया गया फलस्वरूप 2016 के वेतन नियमो मे हिमाचल प्रदेश के प्रवक्ताओं को अन्य सभी राज्य जैसे पंजाब, उत्तराखंड, हरियाणा आदि से बहुत निचे रखा गया जिसका परिणाम यह हे कि हिमाचल के प्रवक्ता (विद्यालय संवर्ग) को हजारों रूपय प्रतिमाह का नुकसान हो रहा है। संघ ने सरकार से निवेदन किया कि प्रवक्ता संवर्ग के महत्वपूर्ण उतरदायित्व को ध्यान मे रखते हुए उन्हें सम्मानजनक वेतन के साथ पदोन्नति के अधिक अवसर दिए जाए। संघ सरकार से निवेदन करता है कि प्रवक्ता के वेतनमान हेतु 2012 की अधिसूचना मे उचित संशोधन किया जाए तभी वेतन विसंगति को दूर किया जा सकता है इसके अतिरिक्त विद्यालय प्रवक्ताओं को महाविद्यालय में प्रवक्ता पद पर पदोन्नति, सभी खंडों पर अतिरिक्त खंड शिक्षा अधिकारियों अथवा खंड परियोजना अधिकारियों के पद सृजित करने के साथ जिला परियोजना अधिकारी के अतिरिक्त पद सृजित होने चाहिए तथा प्रत्येक विद्यालय में उप-प्रधानाचार्य के स्थाई पद सृजित किया जाना नितांत आवश्यक है।

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Deepika Sharma

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